जानें सेल्फ स्टडी कैसे करे? Best Self Study Tips in Hindi
Self Study in Hindi: हो सकता है कि आप पढाई करने में कई घंटे लगा रहे है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप effective सेल्फ स्टडी कर पा रहे है। बेहतर सेल्फ स्टडी का अर्थ है कि आप चीज़ों को प्रभावी तरीके से सीख रहे है और अच्छे ग्रेड के साथ उसका रिजल्ट मिल रहा है। इस आर्टिकल में हमने बताया है कि विद्यार्थी सेल्फ स्टडी कैसे करे और उनके लिए best self study tips क्या है.
सेल्फ स्टडी करने के लिए उचित टाइम मैनेजमेंट और स्टडी टिप्स को फॉलो करने की जरूरत होती है जिन्हें इस आर्टिकल में विस्तार से बताया गया है। इन्हें अपनाकर कोई भी स्टूडेंट सेल्फ स्टडी को effective तरीके से करने में सक्षम होगा। अगर कहा जाए कि सेल्फ स्टडी क्या है तो सेल्फ स्टडी का अर्थ है कि ‘स्टूडेंट्स द्वारा खुद से अध्ययन करना, सीखना और समझना।’
क्लासरूम स्टडी को सेल्फ स्टडी के साथ जोड़कर शानदार स्टडी की जा सकती है। अत: Self Studying यानि स्व-अध्ययन एक शानदार तरीका है जिसका उपयोग छात्र अपने सीखने के अनुभव को बढ़ाने के लिए कर सकते हैं, चाहे वे किसी पाठ्यक्रम के लिए अध्ययन कर रहे हों या किसी विषय (subject) को सीखने के लिए।
सेल्फ स्टडी कैसे करे – Best Self Study Tips in Hindi
1. स्टडी के लिए सही समय तय करें
सेल्फ स्टडी में सबसे पहले आता है “best time to do study.” यह बात जानना जरूरी है कि हर student के पढ़ने के लिए एक ही टाइम सही नहीं होता है।
यह जरूरी नहीं कि आप हर बार morning में ही पढ़े या नाइट में। जो आपको कंफर्टेबल लगे, उसी टाइम के अनुसार पढ़ते चले जाएं। पढ़ने का समय ना देखते हुए इस बात पर ध्यान देना है कि आप कितने घंटे पढ़ पा रहे है और क्या इससे quality study कर पा रहे है!
कई स्टूडेंट्स स्कूल या कॉलेज जाते है जबकि कई किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते है तो सभी के लिए एक ही समय स्टडी करना आवश्यक नहीं है। अतः यह आपको खुद तय करना पड़ेगा कि कौनसा time स्टडी हेतु आपके लिए कंफर्टेबल है।
स्टूडेंट्स सेल्फ स्टडी के लिए टाइम को इस प्रकार choose करें:
- हो सके तो अपने टाइम टेबल में सभी सब्जेक्ट्स को पढ़ें।
- आप स्कूल/कॉलेज में है या किसी अन्य एग्जाम की तैयारी कर रहे है, इसका विशेष ख्याल रखें।
- उस समय का चयन करें जब आप सबसे ज्यादा फ्रेश फील करते हो।
- कल से पढूंगा, इस धारणा को छोड़ आज से ही पढ़ना शुरू करें।
2. एक विषय की बजाय सभी विषयों को पढ़ें
सामान्यत: हर कोर्स में लगभग चार या पांच विषय होते है। हर दिन एक विषय पर ध्यान देने के बजाय, दो या तीन अलग-अलग subjects का अध्ययन करने से स्टडी effective होती है और उसका आउटपुट भी बेहतर मिलता है।
उदाहरण के लिए यदि गणित, विज्ञान, सामाजिक, अंग्रेजी और हिंदी आपके पाठ्यक्रम के विषय हैं तो प्रत्येक विषय के लिए सप्ताह में एक दिन तय करने के बजाय हर दिन दो या तीन विषयों का थोड़ा-थोड़ा अध्ययन करना बेहतर है।
Subjects के बीच juggling करते रहने से स्टडी effective बनती है और आप अच्छे से स्टडी कर पाते है।
3. कठिन विषय को पहले पढ़ें
यह भी एक महत्वपूर्ण तथ्य है कि आप सेल्फ स्टडी के दौरान difficult subject को पहले पढ़ें।
इसके पीछे कारण यह है कि जब आप पढ़ना शुरू करते है तो ज्यादा energetic होते है जिसके चलते आप उस सब्जेक्ट को बेहतर व प्रोडक्टिव तरीके से पढ़ पाएंगे और ज्यादा समय भी मिलेगा। यही वजह है कि self study के दौरान difficult subject को पहले पढ़ने की सलाह दी जाती है।
आप उस सब्जेक्ट को बाद में आराम से पढ़ सकते है जिसमें आपका interest है क्योंकि उसको पढ़ने के दौरान आप बोरियत फील नहीं करेंगे।
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4. पढ़ाई के बीच ब्रेक लें यानि रिलेक्स करें
बहुत से विद्यार्थी यह शिकायत करते हैं कि मैं लंबे समय तक नहीं पढ़ पाता हूं। इसके पीछे Reason यह है कि हमारे शरीर के साथ-साथ दिमाग को भी आराम की जरूरत होती है। कोई भी person दिन-रात लगातार नहीं पढ़ सकता, उसे आराम करने की जरूरत होती है।
अगर आप भी लंबे समय तक नहीं पढ़ पाते है तो मैं आपको इसका एक फार्मूला बताता हूं जिसका अधिकतर सफल students इस्तेमाल करते है।
अगर आप लंबे समय तक पढ़ना चाहते है तो पढ़ाई के बीच आराम करना शुरू कर दीजिए यानि कि 2 घंटे पढ़ रहे है तो आधा घंटा ब्रेक लें और फिर 2 घंटे पढ़े, फिर आधा घंटा आराम करें। इससे आप व्यवस्थित तरीके से स्टडी कर पाएंगे और और क्रिएटिव तरीके से भी।
अगर आप 2 घंटे भी लगातार नहीं पढ़ पाते हैं तो इस टाइम को छोटा कर सकते है यानि कि 50 मिनट पढ़ें और 10 मिनट रेस्ट करें। यह तरीका भी प्रभावी साबित हो सकता है। यदि आप ऑनलाइन स्टडी कर रहे है तो मोबाइल या लैपटॉप की स्क्रीन टाइम का ध्यान रखें। नियत समय में पलकें झपकातें रहें और स्क्रीन टाइम से आँखों को रिलैक्स दें।
5. Test Yourself Regularly
किसी भी स्टूडेंट को अपनी पढाई के आकलन के लिए सेल्फ टेस्टिंग जरूरी है।
यदि आप अपनी textbooks और कक्षा के नोट्स को नियमित रूप से पढ़ते हैं और यह जानने की कोशिश नहीं करते है कि आपने वास्तव में कितना समझा और पढ़ा है तो यह आप as a student बड़ी गलती कर रहे है।
अपने पढ़े गए topics और subjects के लिए class tests या एग्जाम का wait न करें। खुद से सेल्फ टेस्ट लें और जानें कि आप वास्तव में कितना सीख रहे है! इससे आप अपनी सेल्फ स्टडी की रियलिटी चेक कर पाएंगे और weak areas को जान पाएंगे।
इस प्रकार आप सेल्फ स्टडी टेस्ट लेकर अपनी कमज़ोरियों पर re-work कर पाएंगे जो किसी भी स्टूडेंट के सफल होने के और आगे बढ़ने के लिए जरूरी है।
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6. Avoid Distractions
Distractions यानि फोन टीवी इत्यादि चीज़ें है जो किसी भी स्टूडेंट या person को आकर्षित करती है। self study को बेहतर बनाने के लिए smartphone & gadgets के misuse से बचना जरूरी है।
इनका ज्यादा इस्तेमाल धीमे जहर की तरह होता है जो बाद में असर दिखाता है यानि अगर आप सोच रहे है कि मैं फोन हाथ में लूंगा और उसे सिर्फ 10 मिनट इस्तेमाल करूंगा। ठीक है, लेकिन तभी आप social media के चक्कर में पड़ जाते है और 10 मिनट की जगह 30-40 मिनट लगा देते है।
ऐसा अगर आप दिन में दो-तीन बार भी करते है तो अपना दो से तीन घंटो का कीमती समय यूं ही virtual satisfication में खराब कर देते है।
Distractions से बचने का पहला उपाय यह है कि आपको सबसे पहले self-control की आदत डालनी होगी यानि खुद पर नियंत्रण रखना होगा. यह दृढ़ निश्चय होना चाहिए कि अगर मुझे 5 घंटे पढ़ना है तो पढ़ना है, चाहे कुछ भी हो जाए। मैं न तो फोन को use करूंगा और न ही टीवी देखूंगा।
इस प्रकार से आत्मविश्वास के साथ किसी भी स्टूडेंट में self control की आदत होना जरूरी है तभी वो बेहतर तरीके से सेल्फ स्टडी कर पायेगा।
गैजेट्स के Distractions से कैसे बचें स्टडी के दौरान..
- स्टडी प्लान बनाएं और उसे हर हाल में फॉलो करें
- स्टडी करने के दौरान mindset को focused रखें।
- एग्जाम के दौरान सोशल मीडिया एकाउंट्स को temporally deactivate कर दें।
- स्टडी करने के दौरान फ़ोन को फ्लाइट मोड में डाल दें या साइलेंट कर दें।
सेल्फ स्टडी के फायदे
सेल्फ स्टडी students के लिए effective learning का एक महत्वपूर्ण पहलू है क्योंकि यह न केवल यह किसी एग्जाम को qualify करने में बल्कि चीज़ों को गहराई से समझने के लिए भी जरूरी है।
सेल्फ स्टडी में कोई भी स्टूडेंट किसी भी टॉपिक को खुद के आधार पर समझ सकता है। इसमें स्टूडेंट खुद का ही टीचर होता है और स्टूडेंट भी। जनरली बात की जाये तो सेल्फ स्टडी को स्कूल/कॉलेज स्टडी के साथ करना बेहतर है जब तक कि आप कोई प्रतियोगी परीक्षा या अन्य फील्ड की तैयारी न कर रहे हों।
विद्यार्थियों के लिए सेल्फ स्टडी के फायदे नीचे दिए गए है जिन्हें विद्यार्थी सेल्फ स्टडी के माध्यम से आसानी से पा सकता है:
- स्टूडेंट्स में topics को खुद से समझने की स्किल विकसित होती है।
- किसी सब्जेक्ट के टीचर या लेक्चरर के उपलब्ध न होने पर भी उसे खुद से पढ़ा जा सकता है।
- Competition Exams की तैयारी में बहुत हेल्प मिलती है।
- आत्मविश्वास बढ़ता है क्योंकि जब आप किसी चीज़ को खुद से सीखकर उसमे अच्छा परफॉर्म करते है तो ख़ुशी तो होती ही है।
- चीज़ों को समझने का दायरा बढ़ता है।
- Questions को हल करने के नए-नए आइडियाज आते है।
- छात्र अधिक प्रभावी ढंग से सीखते हैं.
- जिज्ञासा बढ़ती है।
सेल्फ स्टडी किसी भी परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने लिए जरूरी है। भले ही स्टूडेंट्स को school/colleges में कितना ही पढ़ाया जाये लेकिन जब तक वे उन टॉपिक्स को खुद से सेल्फ स्टडी करके नहीं पढ़ेंगे, उनसे अच्छे प्रदर्शन या things को सीखने की उम्मीद नहीं की जा सकती।
अत: कहा जा सकता है कि सफलता के लिए सेल्फ स्टडी जरूरी है। अगर आप सेल्फ स्टडी करने के लिए कोई अलग तरीका अपनाते है तो नीचे comment box में बताएं। हम आपके टिप्स को भी इस लेख में निश्चित रूप से सम्मिलित करेंगे।
- मैथ्स को टॉपर कैसे बनें
- फिजिक्स को कैसे पढ़ें (Easy & Tested Methods)
सेल्फ स्टडी का मतलब क्या होता है?
सेल्फ स्टडी का मतलब विद्यार्थी द्वारा किसी टॉपिक या सब्जेक्ट को खुद से अध्ययन करना, सीखना और समझना होता है। सेल्फ स्टडी के माध्यम से बाहरी मदद लिए बिना या बहुत कम बाहरी मदद से स्वयं द्वारा चीजों को पढ़ना होता है।
घर पर सेल्फ स्टडी कैसे करें?
घर पर सेल्फ स्टडी के लिए स्टूडेंट्स को एक टाइम टेबल बनाकर उसे regularly फॉलो कर किसी भी टॉपिक या चीज को सीखा जा सकता है।