खुश रहना है तो इन लोगों से रखिए दूरी – How to Be Happy in Hindi

इन लोगों से रखें दूरी और खुश रहें।

How to be happy in hindi

हम चाहे जो कुछ भी करें लेकिन हम सब की इच्छा होती है कि हम कुछ नया करें। हमारी एक चाहत होती है कुछ नया करने के लिए। ऑफिस में नई मंजिलें पाने की चाह या घर पर रहते हुए अपने शौक और सपनों को पूरा करने की ख्वाहिश। 

संभव है कि जब आप अपने सपनों के बारे में बात करें तो लोग उनकी हंसी उड़ाए या उन पर हैरानी जताये, उन्हें पाना असंभव बताएं। 

अपने सपने को पाना आपके लिए बेहद चुनौतीपूर्ण भी हो सकता है लेकिन किसी के विचारों से प्रभावित होकर या आशंकाओं से ग्रस्त होकर प्रयास छोड़ देना सही नहीं है।

आपको यह सोचना है कि जो लोग आप के विचारों पर सवाल खड़े कर रहे है, आपको हतोत्साहित कर रहे है, उनकी बातों में कितना दम है। आपको अपने फैसले उन लोगों पर निर्भर नहीं होने देने चाहिए।

आइये जानें ऐसे ही पांच तरह के लोगों के बारे में जिनकी प्रतिक्रियाओं को दरकिनार कर आगे बढ़ जाना ही उचित है… 

1. आपसे जलने वाले

अगर आप अपने जीवन में खुशहाल और समृद्ध है तो आपसे जलने वालों की कमी नहीं होगी। ऐसे लोगों को आपकी खुशियों से जलन हो सकती है।   

उन्हें इस बात से कोई मतलब नहीं होता कि आप कुछ नया पाने का ख्वाब देखते है या कुछ नया हासिल करने के इच्छुक है। ऐसे लोगों को आप आसानी से पहचान सकते है। ऐसे लोग आपके विचार या लक्ष्य के नकारात्मक पहलू को दिखाने में लगे रहते है, चाहे वास्तविकता में ऐसा बिल्कुल न हो।   

वे आपके विचारों को पूरी तरह खारिज कर सकते है। ऐसे लोगों की सलाह मानने पर आप अपना भविष्य संकट में डाल सकती है। अतः इस प्रकार के लोगों के विचारों से बचने में ही भलाई है।

2. शांत रहने वाले लोग 

ऐसे लोग आपका विरोध नहीं करते, आपके सफर पर आपके साथ खड़े होते है लेकिन उनकी प्रतिक्रियाओं से आपका मनोबल मजबूत नहीं होता क्योंकि वे खुलकर आपके प्रयासों की सराहना नहीं करते।   

ऐसे लोग नकारात्मक होने या किसी भी खराब प्रतिक्रिया से बचने के लिए अपने विचार व्यक्त करने से बचते है।   

ऐसे लोगों की खामोशी आपका ध्यान भंग कर सकती है या आपको विचलित कर सकती है इसीलिए ऐसे लोगों के हावभाव या विचारों की परवाह किए बगैर पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी मंजिल की तरफ कदम बढ़ाएं।

3. साथ देने का नाटक करने वाले

अपने आस-पड़ोस या परिजनों में आप ऐसे बहुत से लोगों को चिन्हित कर सकते है जो इस बात का दंभ भरते है कि वे आपको प्रोत्साहित कर रहे हैं लेकिन वास्तविकता में वे दिखावा ही कर रहे होते हैं।

ऐसे लोगों को आपकी बातों या आपके प्रयासों में रुचि नहीं होती लेकिन वो साथ में खड़े होकर वाहवाही लूटना चाहते हैं। ऐसे लोगों के पास न तो आपके लिए किसी तरह के अच्छे सुझाव होते है और न ही कोई बेहतर कार्ययोजना।

ऐसे लोगों को अपना हितैषी समझ उनकी आवभगत में समय खराब करने से अच्छा है कि आप अपनी प्राथमिकताओं पर ध्यान दें और तय समय सीमा के भीतर अपने लक्ष्य को पाने की योजना तैयार करें।

4. जिन्हें हर तरफ खामियां नजर आती हो

अक्सर कहा जाता है ‘निंदक नियरे राखिए’। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि आलोचक उन चीजों की तरफ आपका ध्यान आकर्षित कराते है जिन्हें सभंवत: आप नजरअंदाज कर हैं लेकिन यह जरूरी नहीं है कि आलोचना के जरिए एक बेहतर दृष्टिकोण मिल ही रहा हो।

ऐसा भी संभव है कि आलोचक आपके विचारों पर इतने सवाल खड़े कर दें कि आपका आत्मविश्वास डगमगा जाए और अपने सपनों की राह पर चलने से आपको डर लगने लगे.

आलोचकों के सुझावों को ध्यान से सुनें, लेकिन अपने जीवन या करियर के मामले में अमल उन्हीं विचारों पर करें, जो आपके लिए सहज और व्यावहारिक हों।

5. अपनी बात मनवाने वाले लोग

ऐसा व्यवहार अक्सर वे लोग करते हैं, जो एक मुकाम तक पहुंच चुके हैं। अपनी तारीफों के पुल बांधने वाले इस तरह के लोग खुद को हमेशा बहुत बड़ा दिखाने की कोशिश करते हैं।

वो हमेशा खुद को प्रेरणा स्रोत के रूप में प्रस्तुत करते हैं। ऐसे लोग असल में यही चाहते हैं कि आप अपना हर कदम उनसे पूछकर उठाएं और उनके अहम की तुष्टि करती रहें। ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि ऐसे तेज-तर्रार लोग आपकी सोच को काफी हद तक प्रभावित कर सकते है।

ये लोग आपको ऐसे कदम उठाने पर मजबूर कर सकते है जिससे आपके लिए परेशानियां खड़ी हो जाएं।

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I Hope आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी जिसमें जाना कि किस प्रकार के लोगों की संगति करें और किस प्रकार के लोगों से दूरी बनाए रखें ताकि हम सही राह पर चलते रहें।