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गुरु तेग बहादुर शहीदी दिवस 2023: शायरी, मैसेज, स्टेटस

इस लेख में हम गुरु तेग बहादुर सिंह के शहीदी दिवस 2023 पर शायरी स्टेटस मैसेज विशेज लेकर आए हैं। इसके अलावा हमने इस आर्टिकल में गुरु तेग बहादुर सिंह के बारे में पूरी जानकारी दी है और यह भी बताया है कि गुरु तेग बहादुर शहीदी दिवस क्यों मनाया जाता है।

हर साल 24 नवंबर को गुरु तेग बहादुर सिंह शहीदी दिवस मनाया जाता है। यह वो दिन है जब मुगल बादशाह औरंगजेब ने सिख समुदाय के नौवें गुरु तेग बहादुर सिंह का इस्लाम स्वीकार ना करने पर शीश काट दिया था।

गुरु तेग बहादुर शहीदी दिवस 2023

गुरु तेग बहादुर शहीदी दिवस 2022

सिख समुदाय में गुरुओं का बहुत सम्मान होता है। ऐसे ही एक गुरु थे जिनका नाम गुरु तेग बहादुर सिंह था। यह सिख धर्म के नौवें गुरु गुरु थे।

सिख धर्म के पहले गुरु गुरु नानक के मार्ग का अनुसरण करने वे इस समुदाय के नवे गुरु थे। इनके बचपन का नाम त्यागमल था।

13 वर्ष की आयु में इन्होंने तलवारबाजी के दम पर मुगलों के विरूद्ध युद्ध में अपना कौशल दिखाया तो इनकी बहादुरी से प्रेरित होकर इनके पिताजी ने नाम बदलकर त्यागमल से तेग बहादुर रख दिया।

इसी समय मुगल बादशाह औरंगजेब हुआ करता था जो इस्लाम धर्म के अलावा अन्य धर्मों को नहीं मानता था यानि अन्य धर्मों को समानता नहीं देता था।

उसने कश्मीर के पंडितों को जबरदस्ती इस्लाम को बुलवाना शुरू शुरू किया तो कश्मीर के पंडित लोग सिख धर्म गुरु गुरु तेग बहादुर के पास आए और और उनसे और उनसे सहायता मांगी।

उन्होंने पंडितों को वचन दिया कि अगर औरंगजेब गुरु तेग बहादुर को अपना धर्म बदलवाने पर मजबूर कर दे या या उन्हें सिख धर्म से इस्लाम धर्म कबूल करवा ले तो हम भी इस्लाम कबूल अपना लेंगे।

औरंगजेब ने इस बात को मानकर गुरु तेग बहादुर बहादुर बहादुर को दिल्ली के दरबार में बुलाया और उनसे इस्लाम कबूल करवाने के लिए कई प्रकार की यातनाएं की लेकिन तेग बहादुर तस से मस नहीं हुए।

उन्होंने कहा कि मैं अपना शीश कटवा दूंगा लेकिन बाल दूंगा लेकिन बाल नहीं कटवाऊंगा। इस बात से नाराज होकर औरंगजेब ने चांदनी चौक पर सबके सामने गुरु तेग बहादुर का सिर काट कर शहीद कर दिया।

यह दिन 24 नवंबर 1675 का था। उसी दिन से हर वर्ष 24 नवंबर को गुरु तेग बहादुर की स्मृति में शहीदी दिवस मनाया जाता है और उन्हें याद किया जाता है।

इनके मृत्यु के स्थान पर शीशगंज साहिब के नाम से गुरुद्वारा भी स्थित है।

तेग बहादुर शहीदी दिवस शायरी मैसेज स्लोगन विशेज स्टेटस

गुरु तेग बहादुर जी का आशीर्वाद आपको जी का आशीर्वाद आपको सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचाएं। हमारी आपके लिए उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं।

गुरु तेग बहादुर की कृपा से आपका व्यापार दिन दुगना रात चौगुना की गति से बढ़े। आपके जीवन में सदा सुख संपत्ति रहे।

गुरु तेग बहादुर आपको अपने जीवन में नए लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करें। आपको सदा सुखी रहने का आशीर्वाद दें।

मेहनत व ईमानदारी के दम पर आप इस दुनिया में वो सब कुछ हासिल कर सकते हैं जो आपके खुश रहने के लिए जरूरी है।

इस भौतिक संसार की वास्तविक प्रकृति का सच्चा बोध इसके विनाशकारी, क्षणभंगुर और भ्रामक पहलुओं से पीड़ित व्यक्ति पर सबसे अच्छा प्रभाव पड़ता है।

तेग बहादुर की कृपा आपके हर सपने को पूरा करें। आप जीवन की हर मुश्किल परिस्थिति का हौसले के साथ सामना करें, यही मेरी दुआ है।

गुरु तेग बहादुर आपके जीवन को सदा स्वस्थ बनाए रखें। वाहे गुरु की कृपा कभी दूर ना हो। Have a great day on teg bahadur shaheedi diwas 2023

गुरु तेग़ बहादुर जी का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। हमें इनके जीवन से बहुत कुछ सीखने को मिलता है।

गुरु तेग़ बहादुर का आत्मबलिदान आज भी हम सभी के जहाँ में मौजूद है और यह उनके साहस और शक्ति को दर्शाता है।

बहादुर और निर्भीक स्वभाव के धनी सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर हमें सदा धर्म की राह पर चलने का संदेश देते है।

FAQs Related to Guru Tegh Bahadur

गुरु तेग बहादुर कौन थे

गुरु तेग बहादुर सिख धर्म के नवें गुरु थे। इनका जन्म सन 1621 में अमृतसर में हुआ था।

गुरु तेग बहादुर जी के माता पिता का नाम

तेग बहादुर के पिता का नाम गुरु हरगोविंद जी और माता का नाम नानकी था।

गुरु तेग बहादुर को किसने मारा

गुरु तेग बहादुर को मुगल शासक औरंगजेब ने मारा था।

गुरू तेग बहादुर की मृत्यु कैसे हुई

गुरु तेग बहादुर की मृत्यु दिल्ली के चांदनी चौक में औरंगजेब के द्वारा शीश काटने से हुई थी। इनकी मृत्यु का कारण जबरदस्ती इस्लाम स्वीकार ना करना था।

गुरु तेग बहादुर जी ने कौन सा शहर बसाया

तेग बहादुर ने आनंदपुर साहिब नामक शहर को बसाया था।

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