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भगवान श्रीकृष्ण ने जिस दिन अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था, उस दिन को हर साल गीता जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस साल गीता जयंती 22 दिसंबर 2023 को है।
गीता जयंती का पर्व मार्गशीर्ष मास की शुक्ल एकादशी के दिन मनाया जाता है। इस दिन को मोक्षदा एकादशी के रूप में भी जाना जाता है।
इस लेख में हम आपके लिए लाए हैं गीता जयंती शुभकामनाएं संदेश, gita jayanti wishes in hindi, geeta jayanti images for facebook whatsapp जिनसे आप अपने दोस्तों, परिवार तथा रिश्तेदारों को गीता जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं दे सकते हैं, भेज सकते हैं।
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Geeta Jayanti Wishes in Hindi
सूना है जीवन गीता बिन
अपनाओ इसके नियम प्रतिदिन,
हम देते हैं आपको शुभकामना
आज है गीता जयंती का दिन।
आप सदा अच्छे कर्म करते रहें, जीवन के नियमों का पालन करते रहें। हमारी आपके लिए यही गीता जयंती की शुभकामनाएं हैं।
हिंदू धर्म के सबसे बड़े ग्रंथ महा भागवत गीता के जन्म दिवस की आपको हार्दिक शुभकामनाएं।
जिसने गीता के ज्ञान को अर्जित कर लिया, समझो उसने सारे संसार को पार लगा लिया।
बनकर कृष्ण
किसी अर्जुन को हिम्मत देना,
जिंदगी मिली है तो
इसे भगवतगीतानुसार जीना।
रखो अपने पुरुषार्थ पर यकीन
अपनाओ गीता ज्ञान प्रतिदिन,
पार होगी तुम्हारी हर बाधा
बोलो जय कृष्ण जय राधा।
गीता जयंती 2023 कब है
इस साल यानि 2023 में गीता जयंती 22 दिसंबर 2023 को है।
कुरुक्षेत्र में महाभारत के युद्ध के दौरान भगवान कृष्ण ने अर्जुन को श्रीमद्भागवत गीता का ज्ञान दिया था। इसी उपलक्ष के आधार पर श्रीमद्भागवत गीता के प्रतीकात्मक जन्म को गीता जयंती के रूप में मनाते हैं।
गीता जयंती को मत्स्य द्वादशी, मोक्षदा एकादशी, गीता उत्सव जैसे कई अन्य नामों से भी जाना जाता है।
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गीता जयंती कैसे मनाते हैं
हो सकता है कि आपको गीता जयंती कैसे मनाई जाती है के बारे में जानकारी नहीं हो तो इस लेख को पढ़कर आपको इस बारे में जानकारी हो जाएगी।
- गीता जयंती पर भगवत गीता का पाठ किया जाता है।
- जो भी जनमानस गीता जयंती को मनाना चाहता है, वो उस दिन भगवान कृष्ण और गीता की पूजा करते हैं।
- पूजा को भगवान कृष्ण के मंदिर या घर में किया जाता है।
- विभिन्न धार्मिक स्थलों तथा सभागारों पर गीता के उपदेश सुनाए जाते हैं।
- कई लोग इस जयंती के अवसर पर उपवास यानि व्रत भी रखते हैं।
गीता के उपदेश – Geeta Updesh in Hindi
- बीते हुए तथा आने वाले कल की चिंता किए बिना वर्तमान का आनंद लो। यही जीवन का सार है क्योंकि जो होना है, वही होगा और जो होता है, अच्छे के लिए होता है।
- परिवर्तन संसार का नियम है अतः इस बात से ना घबरायें।
- अपनी सोच को हमेशा उच्च रखो क्योंकि मनुष्य जैसा सोचता है, वैसा ही आचरण करता है बन जाता है।
- सदा अच्छे कर्म (सत्कर्म) करो क्योंकि जो जैसा कर्म करता है, उसे उसके अनुरूप ही फल की प्राप्ति होती है।
- क्रोध पर हमेशा काबू रखें क्योंकि यह मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है और बुद्धि भ्रमित / विचलित करता है।
- अपने मन को सदा शांत रखो।
- व्यर्थ की चिंता करने से बचें। जो व्यक्ति प्रकृति के विपरीत कर्म करता है, उसे तनाव का भोगी बनना पड़ता है। अतः सदैव कर्म और धर्म के मार्ग पर चलकर तनाव से मुक्ति पाई जा सकती है।
उम्मीद है आपको गीता जयंती का यह लेख पसंद आया होगा। अगर आपके इस बारे में कोई विचार है तो कमेंट करके बताएं। साथ ही इस लेख को सोशल मीडिया पर शेयर करना ना भूलें।